रायपुर : गुड़ाखू पर प्रतिबन्ध के लिए हाई कोर्ट में लगी याचिका

रायपुर [Raipur News] : छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में गुड़ाखू पर प्रतिबन्ध लगाने के लिए याचिका लगाई गई है। यह याचिका रायपुर के सामाजिक कार्यकर्ता कुणाल शुक्ला और ठाकुर अभिषेक प्रताप सिंह ने लगायी है। याचिका के जरिये तम्बाखू युक्त गुटखे की तरह गुड़ाखू पर फ़ौरन प्रतिबन्ध लगाने की मांग की गयी है।

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यह कहा गया : गुड़ाखू लोगों के जीवन के लिए खतरा है और इससे रोजाना सेकड़ो लोगों कैंसर और दुसरी जानलेवा बीमीरियो के न केवल  शिकार हो रहे है बल्कि अपनी जान भी गँवा रहे है।

» लगभग 10000 करोड़ रुपये से भी ज्यादा का गुड़ाखू का ये कारोबार छत्तीसगढ़ में अवैध और गैरकानूनी रूप से चल था है। इसके लिए कोई अनुमति और लाइसेंस नहीं लिया गया है ।

» 2006 प्रोटेक्शन ऑफ़ फ़ूड सिक्यूरिटी एक्ट के तहत किसी भी फ़ूड business के लिए लाइसेंस अनिवार्य है लेकिन छत्तीसगढ़ में कोई लाइसेंस किसी भी गुड़ाखू कारोबारी ने नहीं लिया है।

» छत्तीसगढ़ में एक प्रभावशाली और बेहद ताकतवर मंत्री के परिवार के आलावा गुड़ाखू के कारोबार में कई  फर्म शामिल हैं। लेकिन सरकार के संरक्षण में जहर का ये कारोबार बेख़ौफ़ गैरकानूनी तरीके से चल रहा है।

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» छत्तीसगढ़ के खाद्य और औषधि विभाग से भी इस कारोबार के लिए कोई अनुमति नहींदी गयी है साथ ही विभाग को ये भी नही पता है की गुड़ाखू को बनाने के लिए उपयोग होने वाली सामग्री क्या क्या है।

» कोलकाता की एक लैब रिपोर्ट के मुताबिक गुड़ाखू में आर्सेनिक ( जो एक प्रकार का जहर है ), Aflatoxin ( ये एक तरह का फंगस वाला जहर है जो सड़ी हुई खाद्य पदार्थो में पाया जाता है ) सड़ा हुआ गुड़ और तम्बाखू ( तम्बाखू युक्त गुटखे पर प्रतिबन्ध है ) एवं अन्य हानिकारक तत्व पाये गए है। जो मानव जीवन के लिए खतरा है।

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» जिस गुड़ाखू से छत्तीसगढ़ और उसके पडोसी राज्यो में करोडो लोग सेवन करने मजबूर है  उस गुड़ाखू के कारोबार करने वाले व्यापारियो या फर्म के टिन न, फैक्टरियों की सूची, उनका नाम , पता और राज्य के excise विभाग विश्वास व्यापार, गोपनीयता या बौद्धिक सम्पदा का हवाला देकर नहीं दिया गया। राज्य की जनता को ये तक पता नही है की जिस गुड़ाखू का वो सेवन कर रहे हैं वो कहाँ बन रहा है और उसे कौन बना रहा है।

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