रायगढ: नवरात्रि पर्व के अवसर पर बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान समापन समारोह

Raigarh Beti Bachao Beti Padhao

Raigarh Beti Bachao Beti Padhao रायगढ़ [Raigarh News] :  संसदीय सचिव श्रीमती सुनीति सत्यानंद राठिया आज यहां जिंदल ऑडिटोरियम में नवरात्रि पर्व के अवसर पर बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत आयोजित कार्यक्रम के समापन समारोह में शामिल हुई। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि 9 दिनों तक मां दुर्गा के 9 रूपों की पूजा-अर्चना की जाती है और मां दुर्गा के गुणों को आत्मसात किया जाता है। उन्होंने कहा कि मानव जीवन में अच्छे कर्मो के साथ ही धर्म एवं आध्यात्मिकता का भी विशेष महत्व है।

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बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत 2 से 10 अक्टूबर तक मां दुर्गा की विशेषताओं पर आधारित विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन सराहनीय रहा है। उन्होंने कहा कि निश्चित ही हमारी ही बेटियां सतर्क एवं सजग हो रही है। हमें अपनी बेटियों को निडर बनाने की जरूरत है। देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सोच के अनुरूप जिले में महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा मिल रहा है।

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राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती हर्षिता पाण्डेय ने कहा कि छत्तीसगढ़ जनजातीय बाहुल्य प्रदेश है और सामान्यत: यहां लिंग संबंधी भेदभाव देखने को नहीं मिलता। ऐसे में प्रदेश के रायगढ़ जिले का प्रधानमंत्री के बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान में चयनित होना आश्चर्यजनक एवं चुनौतीपूर्ण भी रहा है। जनप्रतिनिधि, जिला प्रशासन, अधिकारियों, कर्मचारियों, नागरिकों तथा बालिकाओं की पहल इस दिशा में प्रशंसनीय है और यहां के नागरिक बालिका लिंगानुपात को बढ़ाने के लिए जागरूक हुए। रायगढ़ जिले ने इस क्षेत्र में जो परिणाम दिए है वह देश में अनूठी पहल के रूप में याद किए जायेंगे। यह अभियान एक तरह का नवाचार भी है कि किस तरह पर्व को मनाकर उद्देश्यों के लिए प्रतिबद्धता जाहिर करनी चाहिए। रायगढ़ जिले ने पूरे प्रदेश का मार्ग प्रशस्त किया है कि कुरीति को कैसे दूर किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि बेटियां बचेगी तो समाज का संतुलन बनेगा और बेटियों को पढ़ाना इसलिए जरूरी है ताकि वे जीवन में अपना रास्ता आसानी से तय कर सके और जीवन के संघर्षो को जीत कर सामने आयें। उन्होंने बेटियों का आव्हान करते हुए कहा कि असफलताओं की कमियों को दूर करते हुए सफलता प्राप्त करें। उन्होंने बालिकाओं से कहा कि विधिक जानकारी बढ़ाएं, तभी महिला सशक्तिकरण संभव है।

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कलेक्टर श्रीमती अलरमेलमंगई डी ने स्वागत उदबोधन में कहा कि रायगढ़ जिले में केन्द्र शासन की बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान संचालित है। यहां बालिका लिंगानुपात कम है और विगत डेढ़ वर्षाे से विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से बालिकाओं को आगे बढ़ाने का प्रयास जारी है। उन्होंने कहा कि नवरात्रि पर्व पर मां दुर्गा के 9 रूपों की विशेषताओं के अनुरूप विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। उन्होंने 9 दिनों तक आयोजित कार्यक्रम का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि जिले में 22 सोनोग्राफी सेंटर में एक्टिव टे्रकर मशीन लगाकर कन्या भू्रण हत्या को रोकने के लिए गंभीर प्रयास किए गए, जिसके सार्थक परिणाम सामने आए है और जिले में बालिका लिंगानुपात में वृद्धि हुई है। 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर रायगढ़ से खरसिया 32 किलो मीटर तक बालिकाओं के प्रति जागरूकता के लिए मानव श्रृंखला बनाई गई एवं समय-समय पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। उन्होंने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि इसी तरह बालिका लिंगानुपात में वृद्धि होगी और हमारा जिला पूरे देश में आगे होगा।

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पुलिस अधीक्षक श्री बी.एन.मीणा ने कहा कि नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा कर शक्ति की आराधना की जाती है। इस अनूठे कार्यक्रम के माध्यम से जिले में कम बालिका लिंगानुपात के अंतर को पाटने की सार्थक पहल की गई है। यह प्रयास 9 दिनों तक सीमित न रखे। बेटियों के जन्म से लेकर उनके बढऩे एवं सुरक्षित जीवन-यापन के लिए समुचित माहौल मिल सके। उन्होंने कहा कि बालिकाओं से संबंधित कई तरह के अपराध सामने आते हैं। युवक छींटाकशी करते है इसलिए सभी स्कूलों के आसपास आपरेशन मजनू अभियान चलाया गया है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए हमें युवकों के संस्कारों में परिवर्तन करने की जरूरत है। समाज का कर्तव्य है कि बालिका को सुरक्षित माहौल दें। शक्ति स्वरूपा मां की अराधना कर नारी का सम्मान समाज एवं सभ्यता को बचाने के लिए है। साल के 365 दिन बेटियों के प्रति ऐसा माहौल रहे तभी हम माता के प्रति सच्ची श्रद्धा दिखा सकते है।

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इस अवसर पर ओपी जिंदल स्कूल के प्राचार्य श्री आर.के.त्रिवेदी ने भी समारोह को संबोधित किया। इस अवसर पर रेन मेकर्स संस्थान के श्री विश्वास पंडित ने कार्यस्थल पर कामकाजी महिलाओं के यौन उत्पीडऩ से सुरक्षा संबंधी प्रस्तुतिकरण भी दिया। जिसमें उन्होंने महिलाओं एवं बालिकाओं में जागरूकता के साथ ही कामकाजी यौन उत्पीडऩ से संबंधित कानून की भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कामकाजी महिलाओं के यौन उत्पीडऩ की सुरक्षा के लिए नियोक्ता एवं कर्मचारियों के लिए 1997 विशाखा गाईड लाईन जारी किया गया था। इसके साथ ही 2013 में कामकाजी महिलाओं के यौन उत्पीडऩ संबंधित कानून बनाया गया। महिलाओं को कार्यस्थल पर सुरक्षित माहौल मिल सके, इसके लिए विधिक जानकारी एवं यौन उत्पीडऩ संबंधी रोकथाम की विस्तृत जानकारी प्रदान की गई। कार्यक्रम का संचालन प्राचार्य श्री राजेश डेनियल ने किया। इस अवसर पर विभिन्न प्रतियोगिताओं में विजेता बालिकाओं एवं महिलाओं को सम्मानित किया गया।

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इस अवसर पर लायनेस क्लब की श्रीमती नलिनी मिश्रा, जिला पंचायत सदस्य श्रीमती उत्तरा कुमारी,अपर कलेक्टर श्रीमती प्रियंका ऋषि महोबिया, जिला पंचायत सीईओ श्रीमती चंदन संजय त्रिपाठी, महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी श्रीमती अनिता अग्रवाल, शिक्षा अधिकारी श्री आर.एन.हीराधर, सेवानिवृत्त सीएचएमओ डॉ. नंदे सहित बड़ी संख्या में महिलाएं एवं बालिकाएं उपस्थित थी।

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