खरसियां / रायगढ़ : पुलिस अधिक्षक हो तो श्री बी एन मीणा साहब जैसा

kharsia-newsखरसियां / रायगढ़ : रायगढ़ पुलिस अधिक्षक महोदय श्री बी एन मीणा के व्यवहार से प्रभावित नशामुक्ति अभियान खरसियां की महिलाओं ने कहा कि “एसपी हो तो ऐसा” आज नशामुक्ति का नारा है शराब बन्द कराना है का बुलन्द नारा लेकर रायगढ पहुंची खरसिया विकासखण्ड के ग्राम तेलिकोट की लगभग 70  महिलाओं का प्रतिनिधिमंडल सबसे पहले ग्राम तेलिकोट से पैदल खरसिया रेल्वे स्टेशन पहुंचा उसके बाद ट्रेन से रायगढ रवाना हुआ, रायगढ पहुंचने के बाद महिलाओं का समूह नशामुक्ति का नारा है शराब बन्द कराना है का नारा लगाते नशामुक्ति का संकल्प लेकर पैदल रायगढ़ कलेक्टर कार्यालय पहुंची जहां महिलाओं के द्वारा कलेक्टर महोदया से ग्राम तेलिकोट में घर घर बनने वाली जहरीली शराब एवं ग्राम में स्थानीय शराब ठेकेदारों द्वारा बेचे जाने वाली अवैध शराब के रोकथाम एवं उसके दुष्प्रभाव से कम उम्र में महिलाओं का सुहाग उजड़ जाने एवं बच्चों  के अनाथ हो जाने सहित नाबालिक बच्चों का शराब के नशा का आदि हो जाना सहित शराब के नशे में किये जाने वाले रोकथाम के सम्बन्ध में प्रशासनिक सहयोग एवं मार्गदर्शन लेने पहुंची थी। किन्तु रायगढ जिला कि संवेदनशील महिला कलेक्टर मैडम के द्वारा पहले तो 2 महिलाओं को मिलने बोला फिर जब मौके पर उपस्थित महिला जनपद सदस्य एवं महिला सरपंच के द्वारा कम से कम 5 लोगों को मिलने की अनुमति मांगी तो पहले तो ठीक है कह के बुलाया गया फिर जब महिलाएं उनसे मिलने गई तो टका सा जवाब उन्हें मिला कि कलेक्टर मैडम तो लंच में चली गई है अब अगर महिलाओं को उनसे मिलना है तो 5 बजे तक इंतजार करना पड़ेगा इतना सुनते ही सुबह से सिर्फ चाय पीकर कलेक्टर महोदया से अपना दुःख दर्द बयान करने गई महिलाओं को बहुत ही ज्यादा मानसिक आघात लगा कि एक महिला ने 70 महिलाओं का दर्द सुनने 1 मिनट का भी समय नही दिया। मजबूर होकर इन 70 महिलाओं को उनके अधिक्षक  (बाबू) को अपना आवेदन देना पड़ा जहां से उनके आवेदन को आबकारी विभाग के पास भेजे जाने की बात कहि गयी.

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आबकारी अधिकारी से मिली महिलाएं तो उन्होंने बताये शराब के फायदे अजीब बात है जब खरसिया के ग्राम तेलिकोट सहित आसपास अवैध महुआ शराब निर्माण एवं शराब ठेकेदार द्वारा गांव गांव अवैध शराब बिक्री किये जाने से समाज में फैलने वाली बुराई एवं अपराध के बारे में चर्चा करते हुए इसपर रोकथाम करने निवेदन किया गया तो उनके द्वारा गांव में बनने वाले महुआ शराब को तो जहर करार दिया किन्तु शराब विक्रेताओं द्वारा गांव गांव बेचीं जाने वाली शराब को  लोगों के सेहत एवं सरकार के टैक्स का जरिया बताते हुए  उल्टे महिलाओं को शराब के फायदों जा बखान करने लग गये। जब महिलाओं द्वारा अवैध शराब के निर्माण एवं बिक्री पर रोक लगाने ज्ञापन दिया गया तो उन्होंने स्टॉफ की कमी का रोना रोना शुरू कर दिया।

हर तरफ से निराश नशामुक्ति महिला समूह की सदस्य जब मिले रायगढ एस पी से तो उन्होंने एक स्वर में कहा एस पी हो तो ऐसा. जी हाँ ये कोई अतिश्योक्ति नही है जब सुबह से नशामुक्ति का नारा लेकर रायगढ पहुंची महिलाएं कलेक्टर के मुलाकात नही करने एवं आबकारी अधिकारी के उटपटांग बातों से मायूस हो के रायगढ पुलिस अधिक्षक श्री बी एन मीणा से मिलने गए तो जब महिलाओं के मिलने पहुंचने की जानकारी हुई तो 4 बजे तक पुलिस अधिक्षक महोदय इंतजार करते बैठे रहे। जब महिलाओं ने ग्राम तेलिकोट सहित आसपास अवैध शराब निर्माण एवं विक्रय पर रोक लगाने ज्ञापन दिया तो पुलिस अधिक्षक महोदय ने महिलाओं को इस पुनीत अभियान के लिए अपना कीमती समय देने पर साधुवाद दिया एवं नशा (शराब) को हर अपराध का मुख्य जड़ बताते हुए क़ानूनी दायरे में रहते हुए अवैध शराब निर्माण एवं बिक्री पर जनजागरूकता अभियान के माध्यम से लोगों को जागृत करने कहा गया। जब सभी महिलाएं पुलिस अधिक्षक कार्यालय पहुंची तो पुलिस अधिक्षक महोदय स्वयं अपने चेम्बर से बाहर आकर इस पुनीत अभियान से जुडी सभी महिलाओं से मिलकर उनको बधाई एवं साधुवाद देते हुए शीघ्र ही ग्राम तेलिकोट में जनजागृति शिविर आयोजित करने एवं स्वयं ग्रामीणों को समझाइस देने आने की बात बोले साथ ही खरसिया चौकी प्रभारी गिरीश तिवारी को फोन से अवैध शराब निर्माण एवं बिक्री पर कार्यवाही करने का निर्देश दिया। बाद में महिलाओं के लिए पानी एवं फल की व्यवस्था करते हुए उनके साथ फोटो सेशन भी कराया एवं नारीशक्ति को इस पुनीत कार्य के लिए साधुवाद दिया तो उपस्थित महिलाओं ने पुलिस अधिक्षक को धन्यवाद देते हुए मिडिया को कहा “पुलिस अधिक्षक हो तो मीणा साहब जैसा

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