राजनीति ऐसी काजल की कोठरी है जिसमें दाखिल होने के बाद कालिख से बचना मुश्किल है। लेकिन कुछ विरले ऐसे होते हैं जो बेदाग होकर राजनीति में भी अपनी चमक बिखेर देते हैं। इनमें से एक हैं खरसिया जिला रायगढ़ के विधायक श्री उमेश पटेल जी।
इंजीनियरिंग स्नातक उमेश पटेल अपनी मर्जी से राजनीति में नहीं आए हैं बल्कि परिस्थितियों ने राजनीति में आने को मजबूर कर दिया। उनके पिता स्व. श्री नंदकुमार पटेल और भैया स्व.श्री दिनेश पटेल की परिवर्तन यात्रा के दौरान झीरम घाटी में नक्सलियों ने कायरता दिखाते हुए नृशंस हत्या कर दी। इस दुखद घटना से उनके क्षेत्र में उपजे शून्य को भरने और अपनी पिताजी की विरासत को संभालने की महती जिम्मेदारी उनके कंधों पर आ गई।
उमेश जी ने बंगलौर की एक आई टी कम्पनी के अपने शानदार कैरियर को त्यागते हुए खरसिया क्षेत्र के लोगों के प्यार और आग्रह को स्वीकारते हुए 2013 के विधानसभा चुनाव में खरसिया से रिकार्ड मतों से जीत दर्ज करते हुए अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की।
क्षेत्र के लोगों के सुख दुख में हमेशा शामिल रहते हुए लोगों की ईच्छा और मांगों पर सार्थक पहल करने के कारण श्री उमेश पटेल जी अपने क्षेत्र में बेहद लोकप्रिय हैं। उनकी कार्यशैली युवाओं को प्रेरित करती हैं। वे युवाओं को देश और समाज की सेवा करने के लिए राजनीति में आने का आह्वान करते हुए कहते हैं कि आज राजनीति एक गाली के रूप में इस्तेमाल की जानें लगी है। लोग कहते हैं कि नेता भ्रष्ट हो गए हैं लेकिन अपने गिरेबान में झांकना भूल जाते हैं। कोई भी नेता आसमां से नहीं टपकता नेता हम सब के बीच से ही आता है।
राजनीति २०-२० क्रिकेट की तरह नहीं है कि उसमे तत्काल परिणाम प्राप्त हो राजनीति टेस्ट क्रिकेट की तरह है जिसमें परिणाम के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है। किसी भी क्षेत्र में कड़े संघर्षों के बाद ही सफलता हासिल होती है । लोग सफल होने वाले की सफलता को ही देखते हैं लेकिन उस सफलता की प्राप्ति के लिए उसने कितना संघर्ष किया ये भूल जाते हैं। उमेश पटेल राजनीति के आसमां का वो ध्रुव तारा है जिसकी चमक हमें उम्मीदों के दीप जलाए रखने की आशा प्रदान करती है।
खरसिया से विधायक बनने के बाद क्षेत्र के लोगों से सतत संपर्क रखना प्रारंभ किया। क्षेत्र के विकास के लिए हमेशा संघर्षरत उमेश जी ने अपने पिताजी के आदर्शों और मूल्यों पर चलते हुए क्षेत्र के जनता की आवाज विधानसभा में बुलन्द तरीके से रखी। उनकी सक्रियता जोश और कुछ कर गुजरने की चाहत को देखते हुए उन्हें प्रदेश युवक कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया। नई जिम्मेदारी ग्रहण करने के उपरांत उन्होंने संगठन का विस्तार करते हुए एक नई जान फूंकी।
ग्राम नंदेली जिला रायगढ़ के लाल स्व. नंदकुमार पटेल जी के द्वितीय सुपुत्र उमेश पटेल ने अपनी प्राथमिक शिक्षा अपने गांव से ही पूरी करके अपनी विद्यालयीन शिक्षा रायपुर से ग्रहण करने के उपरांत बी आई टी दुर्ग से I.T. में इंजीनिरिंग की डिग्री हासिल की। हैदराबाद की एक कंपनी मे अपने कैरियर का आगाज करते हुए उन्होंने बंगलौर फिर अमेरिका और पुनः बंगलौर में जॉब किया।
आसन्न विधान सभा चुनाव में खरसिया से उमेश पटेल जी के प्रतिद्वंदी के रूप में लोकप्रिय कलेक्टर रहे पूर्व I.A.S. श्री ओमप्रकाश चौधरी जी के समर में उतरने की अटकलों पर उन्होंने ओ पी चौधरी जी का स्वागत किया है।
गौरतलब है कि उमेश पटेल जी और ओमप्रकाश चौधरी जी दोनों पड़ोसी गांव के है साथ ही साथ दोनों के परिवारों में पीढ़ियों से आत्मीय सम्बन्ध रहे हैं। हमें ये आशा रखनी चाहिए कि समाज के ये दोनों यूथ आइकॉन राजनीति के समर में एक दूसरे से प्रतिद्वंदिता न करते हुए राजनीति के शिखर पर विराजमान होकर समाज के युवाओं को एक आदर्श प्रस्तुत करें।
उमेश पटेल जी अपनी जनसेवा का कारवां यूं ही निर्बाध गति से जारी रखें यही शुभकामना हमारे समाज का प्रत्येक प्रबुद्ध व्यक्ति देते हुए ईश्वर से यही प्रार्थना करता है।
Written byVijay Patel
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